“मेरे जाने के बाद यह मत समझना कि में मर गया ,जब तक संविधान जिंदा है ,मैं जिंदा हूं ।बस संविधान को मत मरने देना।”
- परमपूज्य बोधिसत्व डॉ आंबेडकर
डॉ. भीमराव आंबेडकर जी ने अपना जीवन देश के लिये , समाज के लिये समर्पित किया !
अपने बचो की कुर्बानी दि..
डॉ. बाबसाहेब ने जो उल्लेखनीय कार्य किया वो कोई एक जनम मे कर ही नाही सकता..
सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजकीय ऐसी सभी प्रकार की क्रांती बाबासाहेब ने शुरुवात की.
फुले, शाहू शिवाजी महाराज के विचार अमल मे लाने का एक बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य आंबेडकर जी ने किया..
आज तक इतिहास मे बुध्द जी के बाद किसिने इतना बडा साहस कार्य किये वो सिर्फ एकमेव बाबासाहेब ही हैं..
भारत जैसे महान राष्ट्र को उभारणे का काम आसान नाही था.. आरोबो की अबाधी वाला देश , अलग अलग बोली भाषा बोलणे वाले लोग, अलग संस्कृती या , अलग अलग धर्म, जाती सबको एक संविधान के दायारे मे ले आना बडा अजीब कार्य बाबासाहेब ने किया..
आज संविधान के मूल्य सबके लिये समान फायदेमंद साबित हो रहे हैं.. किसी में कोई भेद करने की कोई गुंजाई श ही नहीं