प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई)

 

सक्षिप्त पृष्ठभूमि: केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित प्रायोगिक योजना ‘प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ (पीएमएजीवाई) का, 50प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति आबादी संकेद्रण वाले अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों के एकीकृत विकास हेतु कार्यान्वयन किया जा रहा है। प्रारंभ में यह योजना 5 राज्यों अर्थात असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान एवं तमिलनाडु के 1000 गांवों में प्रायोगिक आधार पर आरंभ की गई थी। इस योजना को बाद में दिनांक 22.01.2015 को संशोधित करते हुए असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, उत्तराखण्ड, ओडिशा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और हरियाणा के 1500 अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में विस्तारित किया गया।

 

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों का समेकित विकास करना है:

i)     प्राथमिक रूप से, संगत केद्रीय एवं राज्य योजनाओं के अभिसरण क्रियान्वयन के माध्यम से

ii)    इन गांवों को अंतराल पूर्ति निधि के रूप में केद्रीय सहायता औसतन 20.00 लाख रू0 प्रति गांव तक प्रदान करना, इसमें 5 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि प्रदान की जा सकती है यदि राज्य भी तद्नुरूप अंशदान करता है।

iii)    उन कार्यकलापों को आरंभ करने के लिए अंतराल-पूर्ति घटक की उपलब्धता कराना, जो केन्द्र एवं राज्य सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत कवर नहीं होते हैं और उन्हें ‘अंतराल-पूर्ति’ घटक के अंतर्गत आरंभ किया जाना हो।

 

मॉनीटर योग्य लक्ष्य

इस योजना के दिशा निर्देशों के पैरा 10 में उपलब्धियों के संदर्भ में मॉनीटरिंग योग्य लक्ष्य अर्थात् परिमाणित परिणाम/प्रदानगी योग्य यथा सामाजिक-आर्थिक संकेतक हेतु प्रावधान है जिनके संबंध में इस योजना के कार्य-निष्पादन की विशेष रूप से मॉनीटरिंग पीएमएजीवाई कार्यान्वयन के तीसरे वर्ष की समाप्ति पर की जाएगी:-

  • गरीबी का यथासंभव उन्मूलन, किन्तु तीन वर्ष के भीतर कम से कम 50% तक इसके प्रसार में कमी।
  • सार्वभौमिक प्रौढ़ साक्षरता।
  • 100 नामांकन और प्रारंभिक चरण में बच्चों का बना रहना।
  • 2012 तक शिशु मृत्यु दर (प्रति हजार जीवित जन्म) में 30 तक तथा मातृ मृत्यु दर (प्रति लाख) में 100 तक कमी।
  • सभी पात्र परिवारों के लिए आईएवाई आवासों का 100 आबंटन।
  • गांव ग्रामीण विकास मंत्रालय के पेयजल आपूर्ति विभाग के निर्मल ग्राम पुरस्कार मानकों को पूरा करें।
  • सतत आधार पर सभी ग्रामवासियों के लिए सुरक्षित पेयजल सुविधा तक पहुंच।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए 100% संस्थागत प्रसव।
  • बच्चों का पूर्ण टीकाकरण।
  • गांव को पक्की सड़क के साथ जोड़ना।
  • गांव में मृत्यु और जन्म का 100% पंजीकरण।
  • कोई बाल विवाह और बाल श्रम नहीं।
  • शराब तथा अन्य नशीले पदार्थो के सार्वजनिक उपभोग पर प्रतिबंध।

 

उक्त सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य सेराज्यों से पीएमएजीवाई के कार्यान्वयन के तीसरे वर्ष की समाप्ति तक इनमें से कम से कम तीन को प्राप्त करना अपेक्षित है।

सामाजिक पैरामीटर, जिनके लिए निधि की आवश्यकता नहीं है, को 5-7 महीनों की अवधि के लिए पीएमएजीवाई गांवों में पहले अपनाया जा सकता है, उदाहरण के तौर पर बच्चों का शतप्रतिशत प्रतिरक्षण, जन्म एवं मृत्यु का शतप्रतिशत पंजीकरण।  एक बार इन पैरामीटरों के प्राप्त हो जाने पर कुछ वास्तविक परिसंपत्तियों के सृजन का कार्य, जैसा की वीडीपी में सूचीबद्ध है, कवरेज के तहत या अंतरालपूर्ति के तहत, आरंभ किया जा सकता है।

इस योजना से संबंधित अन्य ब्यौरा: जनगणना, 2011 के अनुसार देश में (50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले) 46,844 गांव एससी बहुल हैं । प्रायोगिक चरण तथा मौजूदा विस्तार से इस योजना के तहत कुल 2500 एससी बहुल गांवों को कवर किया जाएगा। 12वीं योजना परिव्यय के अनुसार इस योजना के लिए उपलब्ध बजट 422.00 करोड़ रुपए है।

 

प्रायोगिक चरण के तहत राज्यों को जारी निधि: 

राज्य का नाम जारी केंद्रीय सहायता (करोड़ रुपए में)
2009-10 2010-11 2011-12 कुल
असम 10.10 10.00 20.10
बिहार 1.3 21.425 22.50 45.225
हिमाचल प्रदेश 22.725 22.50 45.225
राजस्थान 1.4 21.325 22.50 45.225
तमिलनाडु 1.3 21.425 22.50 45.225
कुल 4.0 97.00 100.00 201.00

विस्तार चरण के तहत राज्यों को जारी निधियां:

क्रम सं. राज्य का नाम निधि जारी करने की तारीख गांवों की संख्या जारी केंद्रीय सहायता (करोड़ रुपए में)
2014-15 2015-16
1 उत्तर प्रदेश 30-09-2015 200 0 42.00
2 मध्य प्रदेश 08-09-2015 और 14-01-2016 185 0 47.32
3 कर्नाटक 11-12-2015 200 0 40.00
4 पंजाब 23-03-2015 और 30-09-2015 100 17.50 3.50
5 ओडिशा 16-11-2015 100 0 21.00
6 झारखण्ड 27-08-2015 100 0 21.00
7 छत्तीसगढ़ 27-08-2015 100 0 21.00
कुल 985 17.50 195.82

विवेकाधीन कोटे के तहत चयनित गांवों के लिए जारी निधि:

क्रम सं. राज्य का नाम निधि जारी करने की तारीख गांवों की संख्या जारी केंद्रीय सहायता (करोड़ रुपए में)
2014-15 2015-16
1 उत्तर प्रदेश 24-03-2015 10 1.00 0
2 मध्य प्रदेश 24-03-2015 77 7.70 0
3 कर्नाटक 24-03-2015 1 0.10 0
4 पंजाब 24-03-2015 12 1.20 0
5 हरियाणा 24-03-2015 12 1.20 0
6 आंध्र प्रदेश 24-03-2015 7 0.70 0
7 तेलंगाना 24-03-2015 6 0.60 0
कुल 125 12.50 0

 

प्रायोगिक चरण के तहत कार्यान्वयन की स्थिति:

राज्य चयनित गांवों की कुल संख्या गांवों में कार्य–निष्पादन की स्थिति ‘आदर्श ग्राम’ के रूप में घोषित गांवों की संख्या
अनुमोदित कार्य पूर्ण प्रगति पर है कार्य अभी शुरू किया जाना है
बिहार 225 3721 3162 559 0 2
असम 100 887 887 0 0 100
हिमाचल प्रदेश 225 2635 1407 918 310 10
राजस्थान 225 1313 1233 37 43 1
तमिलनाडु 225  2523  2523 0  0  225
कुल 1000 11079 9212 1514 353 338

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की केन्द्रीय प्रायोजित प्रायोगिक स्कीम के पूरे ब्यौएरे के लिए (पी.डी.एफ. फाइल जो नई विन्डों में खुलती है) देखिए (नया)

पी.एम.ए.जी.वाई. ग्राम के आधारभूत सर्वेक्षण के लिए दिशा-निर्देश (पी.डी.एफ. फाइल जो नई विन्डों में खुलती है)

ग्राम विकास योजना तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश (पी.डी.एफ. फाइल जो नई विन्डों में खुलती है)