एकीकृत वृद्धजन कार्यक्रम Scheme

एकीकृत वृद्धजन कार्यक्रम ( दिनांक 01.04.2016 से प्रभावी संशोधित स्कीाम)

एकीकृत वृद्धजन कार्यक्रम ( दिनांक 01.04.2016 से प्रभावी संशोधित स्‍कीम)

प्रस्‍तावना

भारत में वृद्ध व्यक्तियों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।  वृद्ध व्यक्तियों की संख्या 1951 के 19.8 मिलियन से बढ़कर 2001 में 76 मिलियन और वर्ष 2011 में 1038 मिलियन हो गई है।  अनुमान के अनुसार, वर्ष 2016 में भारत में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की आबादी बढ़कर 116.1 मिलियन, वर्ष 2021 में 143.2 मिलियन तथा वर्ष 2026 में 173.2 मिलियन हो जाएगी। जीवन प्रत्‍याशा में सतत वृद्धि होने से लम्‍बी आयु तक जीवन जीने वाले व्‍यक्‍तियों की संख्‍या और अधिक हो गई है।  पिछले कुछ वर्षों में, वरिष्‍ठ नागरिकों को आबादी के अनुपात में सतत वृद्धि होने के मुख्‍य कारणों में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सुविधाओं में सामान्‍य सुधार होना एक कारण है।  सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्‍चित करना है कि वे न सिर्फ लम्‍बी आयु तक जीवन जीएं बल्‍कि सुरक्षित, सम्‍मानपूर्ण एवं सृजनशील जीवन जीएं।

भारतीय समाज के परम्परागत मूल्यों एवं मानकों में वृद्धजनों को सम्मान देना और देखभाल करने पर बल दिया जाता था । तथापि, हाल के समय में समाज में धीरे-धीरे लेकिन निश्चित तौर पर संयुक्त परिवार प्रणाली में विघटन हो रहा है परिणामस्वरूप भावात्मक, शारीरिक और वित्तीय सहायता की कमी से काफी संख्या में माता-पिता की उनके परिवारों द्वारा उपेक्षा की जा रही है। ये वृद्धजन पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा की कमी में अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं । इससे स्पष्ट है कि वृद्धावस्था एक बडी सामाजिक चुनौती बन गई है और वृद्धजनों की आर्थिक और स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने और वृद्धजनों की भावात्मक जरूरतों के प्रति संवेदनशील सामाजिक वातावरण बनाए जाने की आवश्यकता है ।

लक्ष्य एवं उद्देश्य

 

इस योजना का मुख्य उद्देश्य वृद्ध व्यक्तियों को मूल सुविधाएं जैसे आश्रय, भोजन, चिकित्सा देखभाल और मनोरंजन के अवसर प्रदान करते हुए और सरकारी/गैर-सरकारी संगठन/पंचायती राज संस्‍थाएं/स्थानीय निकाय और व्‍यापक स्‍तर पर समुदाय के क्षमता निर्माण के लिए समर्थन प्रदान करने के माध्‍यम से सृजनशील एवं सक्रिय वृद्धावस्था को प्रोत्साहित करते हुए वृद्ध व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार लाना है ।

दृष्टिकोण

इस योजना के अंतर्गत पंचायती राज संस्थाओं/स्थानीय निकायों और पात्र गैर-सरकारी संगठनों को निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए सहायता प्रदान की जाएगी —

  • निराश्रित वृद्ध व्यक्तियों को वृद्धजनों की आधारभूत जरूरतों विशेषकर भोजन, आश्रय और स्वास्थ्य देखरेख की जरूरतों को पूरा करने वाले कार्यक्रम;
  • विशेषकर बच्चों/युवाओं और वृद्धजनों के बीच अंतर-पीढ़ी संबंधों को बनाने और सुदृढ़ करने वाले कार्यक्रम;
  • सक्रिय एवं उत्पादक वृद्धावस्था को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम;
  • वृद्धजनों को संस्थागत के साथ-साथ गैर-संस्थागत देखभाल/सेवाएं प्रदान करने के लिए कार्यक्रम;
  • वृद्धावस्था के क्षेत्र में अनुसंधान, एडवोकेसी और जागरूकता निर्माण के कार्यक्रम; और
  • वृद्धजनों के सर्वोत्तम हित में कोई अन्य कार्यक्रम।