भीम के लख्ते जिगर | Bhim ke Lakhte Jigar song Lyrics |

भीम के लख्ते जिगर आधे इधर आधे उधर

फिर रहे ये दर-ब-दर आधे इधर आधे इधर

भीम के लख्ते जिगर आधे इधर आधे उधर

 

हर कोई है आज लड़ते एक दूजे के खिलाफ

भाई है अपने मगर आधे इधर आधे उधर

भीम के लख्ते जिगर आधे इधर आधे उधर

 

पाथको तब है करो साकार सपने भीम के

कहने के हो शेर-ए-नर आधे इधर आधे उधर

भीम के लख्ते जिगर आधे इधर आधे उधर

 

आए दिन अखबार मे पढ़ने को मिलती है खबर

जल गए दलितो के घर आधे इधर आधे उधर

भीम के लख्ते जिगर आधे इधर आधे उधर

 

क्या करे किससे गीला किसको कहे अच्छा बुरा

भर रहे है अपना घर आधे इधर आधे उधर

भीम के लख्ते जिगर आधे इधर आधे उधर

 

कौन रखवाला बनेगा अब बताओ कौम का

सो रहे है राहबर आधे इधर आधे उधर

भीम के लख्ते जिगर आधे इधर आधे उधर

 

कौन है अपना यहा किसको बताए हाल-ए-दिल

सब के सब है बेखबर आधे इधर आधे उधर

भीम के लख्ते जिगर आधे इधर आधे उधर

फिर रहे ये दर-ब-दर आधे इधर आधे इधर