अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) से संबंधित छात्रों को ओवरसीज अध्ययन हेतु शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी की डॉ. अम्बेडकर योजना।

अन्‍य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) से संबंधित छात्रों को ओवरसीज अध्ययन हेतु शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी की डॉ. अम्बेडकर योजना

 

योजना का उद्देश्य ओबीसी तथा ईबीसी के मेधावी छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा हेतु और उनकी नियोज्यता में वृद्धि के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराने हेतु ब्याज सब्सिडी प्रदान करना है।

योजना के अंतर्गत पात्रता हेतु, छात्र को ओबीसी के लिए प्रति वर्ष 3.00 लाख रुपए और ईबीसी के लिए प्रतिवर्ष 1.00 लाख रुपए की आय सीमा के अंतर्गत आना चाहिए। प्रत्येक वर्ष परिव्यय का 50 प्रतिशत छात्राओं हेतु निर्धारित किया गया है।

छात्रों का विदेशों में स्नातकोत्तर, एम.फिल अथवा पीएचडी स्तर पर प्रमाणित पाठ्यक्रमों में दाखिला लेना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस उद्देश्य के लिए उसके द्वारा इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) की शिक्षा ऋण योजना के अंतर्गत किसी अनुसूचित बैंक से शिक्षा ऋण लिया गया होना चाहिए।

योजना के अंतर्गत, आईबीए का शिक्षा ऋण लेने वाले छात्रों द्वारा ऋण स्थगन अवधि (अर्थात् पाठ्यक्रम अवधि और नौकरी मिलने के पश्चात एक वर्ष अथवा छ: माह, जो भी पहले हो) जैसा कि आईबीए की शिक्षा ऋण योजना में निर्धारित किया गया हो, के दौरान देय ब्याज भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। ऋण स्थगन अवधि के समाप्त होने के पश्चात्, समय-समय पर संशोधित मौजूदा शिक्षा ऋण योजना के अनुसार बकाया ऋण राशि पर ब्याज का भुगतान छात्र द्वारा किया जाएगा। ऋण स्थगन अवधि के पश्चात् मूल किश्त और ब्याज का वहन उम्मीदवार करेगा।