गुलामी का टुट गया जाल,
ये है मेरे भिम का कमाल
ये है मेरे भिम का कमाल
भिकारी, सारे भिकारी बने है मालामाल
ये है मेरे भिम का कमाल
लाखो करोडो दिल के जले थे,
सर झुकाये खुब चले थे
चलते है, हां चलते है
अजी चलते है शेर की वो चाल
ये है मेरे भिम का कमाल
अब ना गुलामी, अब ना सलामी,
आबरु की अब ना निलामी
बने है, हां बने है
अरे बने है गुलाम राजपाल
ये है मेरे भिम का कमाल
बोधि तरु कि है ये जुबानी,
भिम जो आये आयी जवानी
नाचती है, हां नाचती है
अजी नाचती है देखो डाल डाल
ये है मेरे भिम का कमाल
प्रतापसिंगजी छोडो झमेला,
नागपूर का देखो तो मेला
बिस लाख, हां बिस लाख
अजी बिस लाख आते हर साल
ये है मेरे भिम का कमाल