विमुक्त, घुमन्तू तथा अर्द्ध-घुमन्तू जनजातियों के बालक व बालिकाओं लिए छात्रावासों के निर्माण की नानाजी देशमुख योजना

विमुक्तघुमन्तू तथा अर्द्धघुमन्तू जनजातियों के बालक व बालिकाओं लिए छात्रावासों के निर्माण की नानाजी देशमुख योजना

यह 2014-15 से लागू केंद्र प्रायोजित स्‍कीम है जिसका कार्यान्‍वयन राज्‍य सरकारों/संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों/केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों के माध्‍यम से किया जा रहा है। इसका उद्देश्‍य डीएनटी छात्रों को छात्रावास सुविधाएं प्रदान करना है जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अथवा अन्य पिछड़े वर्गों के तहत कवर नहीं किए गए हैं ताकि वे माध्‍यमिक और उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त कर सकें। पात्रता की आय सीमा 2.00 लाख रू. प्रति वर्ष है।

केन्द्र सरकार पूरे देश में प्रतिवर्ष अधिकतम 500 सीटें प्रदान करेगी । स्‍कीम के तहत लागत मानदंड छात्रावास के लिए प्रति सीट 3 लाख रू0 (जिसे केंद्र तथा राज्‍य के बीच 75:25 के अनुपात में बांटा जाएगा) तथा फर्नीचर के लिए प्रति सीट 5000/-रू0 है ।

होस्टल का निर्माण-कार्य, कार्य-आदेश देने की तिथि से 18 महीनों के भीतर अथवा केन्द्रीय सहायता रिलीज करने की तिथि से दो वर्ष के भीतर, जो भी पहले हो, पूरा करना होगा । किसी स्थिति में समय सीमा 2 वर्ष के बाद नहीं बढ़ाई जाएगी । परियोजना में विलम्ब के कारण बढ़ी हुई लागत को राज्य/संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा ।

इस स्‍कीम के लिए अलग से कोई बजटीय परिव्‍यय नही है। वर्ष 2015-16 में यदि कोई परिव्‍यय होता है तो इसका वहन डीएनटी के शैक्षिक और आर्थिक विकास की स्‍कीम के परिव्‍यय से किया जाएगा जो कि 5 करोड़ रू है।