गौतम के शहर में | Gautam ke Shahar main Buddha Song Lyrics

सारे जहां में जिसका रुतबा सब में निराला [प्रशंसा] [संगीत] हर दिशाओं में उनके ज्ञान का फैला हुआ उजाला है दुख दर्द ना जहां पर लोभ क्रोध ना मसर शांति ही मिलेगी जहां बैठोगे अमीर की कोठी होया गरीब का [संगीत] घर गौतम के शहर में गौतम के शहर में गौतम के शहर में सुख मिलता जिंदगी भर गौतम के शहर में सुख मिलता जिंदगी भर गौतम के शहर में सुख मिलता जिंदगी भर गौतम के शहर में
हर इंसा बनाता घर गौतम के शहर में
हर इंसा बनाता घर गौतम के शहर में
गौतम के शहर में गौतम के शहर में
गौतम के शहर में

भांडार धम्म ज्ञान का रहता सदा भरा भांडार धम्म ज्ञान का रहता सदा भरा
बोल बुद्धम शरणम गच्छामि बोल बुद्धम शरणम गच्छामि
होगी तेरी दूर हर परेशानी
होगी तेरी दूर हर परेशानी
जब होगा तू य धम्म ज्ञानी जब होगा तू य धम्म ज्ञानी
इंसानियत की है वो निशानी इंसानियत की है वो निशानी
भांडार धम्म ज्ञान का रहता सदा भरा
भांडार धम्म ज्ञान का रहता सदा भरा
भांडार धम्म ज्ञान का रहता सदा भरा
खुश है ये सारे पाकर पाकर पाकर खुश है ये सारे पाकर गौतम के शहर में
खुश है ये सारे पाकर गौतम के शहर में खुश है ये सारे पाकर गौतम के शहर में खुश है ये सारे पाकरगौतम के शहर में [संगीत]

पंडित महा ज्ञानी डाकू महंत मुनि
पंडित महा ज्ञानी डाकू महंत मुनि
पंडित महा ज्ञानी डाकू महंत [संगीत] मुनि
सब अपना झुकाते सर सब अप ना झुकाते सर गौतम के शहर में
सब अपना झुकाते सर गौतम के शहर में सब अपना झुकाते सर गौतम के शहर में
सब अपना झुकाते सर गौतम के शहर में

[संगीत] प्रज्ञा शल करुणा अहिंसा शांति दया करुणा अहिसा शांति दया
बड़े दुख से कहना पड़ता है कि इस भारत में अभी तक इस विश्व के शांति तथागत को ना परखा ना समझा
बुध ना तो ईश्वर है ना तो परमेश्वर है बुद्ध इ नॉट गड बुध लड भवा

गौतम के शहर में [संगीत] पंडित महा ज्ञानी डाकू महंत मुनि पंडित महा ज्ञानी डाकू महंत मुनि पंडित महा ज्ञानी डाकू महंत [संगीत] मुनि सब अपना झुकाते सर सब अप ना झुकाते सर गौतम के शहर में सब अपना झुकाते सर गौतम के शहर में सब अपना झुकाते सर गौतम के शहर में सब अपना झुकाते सर गौतम के शहर में [संगीत] प्रज्ञा शल करुणा अहिंसा शांति दया करुणा अहिसा शांति दया बड़े दुख से कहना पड़ता है कि इस भारत में अभी तक इस विश्व के शांति तथागत को ना परखा ना समझा बुध ना तो ईश्वर है ना तो परमेश्वर है बुद्ध इ नॉट गड बुध लड भवा

बुध तृष्णा को नष्ट करके हिंसा के जिंदगी का अहिंसा शांति के मार्ग से जिन्होंने कल्याण बताया ऐसे तथागत को यहां ईश्वर समझा जाता है और बुद्ध को छुपाकर शांति अहिंसा के पुजारी के रूप में बापू गांधी को आगे किया जाता है जबकि गांधी ने भी शांति अहिंसा बुद्ध से ही ली है बुद्ध पहले पैदा हुए गांधी बाद में हुए इसलिए शांति अहिंसा के जनक भगवान इस जमी पर सिर्फ बुद्ध को ही कहना चाहिए क्योंकि बुद्ध इ लर्ड भगवान बुद्ध

प्रज्ञा शल करुणा अहिंसा शांति दया प्रज्ञा शल करुणा अहिंसा शांति दया

जाता ये रास्ता हर गौतम के शहर में

जाता ये रास्ता हर गौतम के शहर में
जाता ये रास्ता हर गौतम के शहर में
जाता ये रास्ता हर गौतम के शहर [संगीत]

थाईलैंड तिबेट ब्रह्म देश श्रीलंका चीन जापान
थाईलैंड टि बेट ब्रह्म देश श्रीलंका चीन जापान थाईलैंड टि बेट ब्रह्म देश श्रीलंका चीन जापान
ये बस्तियां है मिलकर मिलकर मिलकर ये बस्तियां है मिलकर गौतम के शहर में
ये बस्तियां है मिलकर गौतम के शहर में ये बस्तिया है मिलकर गौतम के शहर में ये बस्तिया है मिलकर गौतम के शहर [संगीत]

लुंबिनी गया काशी कुश नारा सारनाथ
लुंबिनी गया काशी कुश नारा सारनाथ

जमी पे गौतम ने अपनी एक दुनिया बताई है सारे जगत में संसार की एक नई बहार आई है
खुशबू गौतम के ज्ञान की हर दिशाओं में लहराई है हर बात गौतम की [प्रशंसा] यहां हर इंसा के काम आई है
लुंबिनी गया काशी कुश नारा सारनाथ लुंबिनी का आकाशी कुसी नारा सारनाथ लुंबिनी काया काश कुश नारा सारनाथ
दीक्षा ली भीम ने सोच कर सोच कर दीक्षा ली भीम ने सोच कर गौतम के शहर में दीक्षा ली भीम ने सोचकर गौतम के शहर में
दीक्षा ली भीम ने सोच कर गौतम के शहर में दाली भीम ने सोच कर गौतम के शहर में [संगीत]

सम्राट अशोक आम्रपाली अंगुली डाक फुलन सम्राट अशोक आम्रपाली अंगुली डाक फलन

बुद्ध के महा परिनिर्वाण को ढाई हजार साल पूरे 14 अक्टूबर 1956 में होते हैं और बुद्ध के कहने के मुताबिक क्रांतिकारी महामानव डॉक्ट अंबेडकर जी ने भी बुद्ध की दीक्षा इसी दिन नागपुर के दीक्षा भूमि पर ली है जबक नागवंशी लोग भी बुद्ध धम्म के अनुयाई थे इस घटना के दिन धम्म का चक्र फिर से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने गतिशील किया जो बुद्ध ने इस बात का संकेत ई हजार साल पहले ही दिया था इसलिए कहना है

लुंबी गया काशी कुनारा सरना लुंबिनी गया कुनारा सारनाथ
दीक्षा ली भीम ने सोचकर गौतम के शहर में दाली भीम ने सोचकर गौतम के शहर में
दीक्षा ली भीम ने सोचकर गौतम के शहर में दाली भीम ने सोचकर गौतम के शहर में
सम्राट अशोक आम्रपाली अंगुली डाकू फुलन
सम्राट अशोक आम्रपाली अंगुली डाकू फुलन
सम्राट अशोक आम्रपाली अंगुली डाकू फुलन
हुए अनिल सब ये अमर गौतम के शहर में
हुए अनिल सब ये अमर गौतम के शहर में
मिलता जिंदगी भर गौतम के शहर में सुख मिलता जिंदगी भर गौतम के शहर में सुख मिलता जिंदगी भर कौतम के शहर में सुख मिलता जिंदगी भर कौतम के शहर में