किसी प्रिय की मृत्यु होने पर विपश्यी सदस्य मृतक के लिये क्या करें?
मृतक के लिये साधना ही करे। विपश्यना की हर बैठक के बाद मन ही मन मृतक को याद करे और संकल्प करे की मेरी साधना के पूण्य में आप भी भागीदार हों। मृतक का इस पूण्य-वितरण से बढ़कर और कोई कल्याणकारी श्राद्ध नही हो सकता। विपश्यना की हर बैठक के बाद जब मंगल मैत्री का …
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