14 अप्रैल के कार्यक्रम की वॉल पेंटिंग कच्छ जिले के हर गांव गांव में हो रही है।
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यह विजयवाड़ा( आंध्र प्रदेश) में बनाया जा रहा एक डॉक्टर है ।बाबासाहेब आंबेडकर जी की 125 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा 14 अप्रैल 2022 ,131 वी अंबेडकर जयंती पर होगा उद्घाटन दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों की सूची में यह होगा.
विजयवाड़ामें बनाया जा रहा एक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरजी की 125 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा! Read More »
आज महाराष्ट्र के वर्धा ज़िल्हे से १०० किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर बुद्ध विहार का निर्माण किया गया, आज उसका लोकार्पण और उद्घाटन। कोई साधन न होने के बावजूद आज हज़ारों लोग इस समारोह में उपस्थित हुए। यह इस बात का संकेत है, आने वाले दिनो में बुद्ध का धम्म इस देश में बड़ी तेज़ी
वर्धा जिल्हे में एक पहाड़ी पर बुद्ध विहार का निर्माण! Read More »
किसान अंदोलन की बहोत बडी जीत हुई, यह संविधान की जीत है, गणतंत्र की जीत है । यह जरुरी था, सरकार मनमानी कारभार करके संविधान के खिलाफ काम कर रही है । इसे रोखणा होगा और इसकी शुरुवात अपने किसान भाईयोने की है । लागतार इतने लंबे अंतराल के लिए धरना करना एक साहस की
सरकार झुकती है, बस उसे झुकानेवाला चाहिये ! Read More »
प्रश्न: कोरोना महामारी के समय में भय का सामना कैसे करें? धम्म महावना विपश्यना सेंटर, कैलिफोर्निया के टीचर श्री जाॅन बिअरी जी का उत्तर … John Beary: एक वायरस संक्रामक हो सकता है l उसी तरह आपका भय भी संक्रामक है l हम वायरस के संक्रमण के माध्यम तो हो सकते हैं, पर भय फैलाने
विपश्यना और कोरोना Read More »
सन १९७१-७२ मेरे जीवन का बहुत संकटपूर्ण समय था। मैंने सफल अभिनेत्री की समृद्ध आजीविका का त्याग किया था, इस दृढ़ निश्चय के साथ कि अब इस जीवन में फिर नहीं लौटना है। जो थोड़ी-बहुत पूंजी मैंने बचा रखी थी वह भी उनको बांट दी जिनके प्रति मेरी जिम्मेदारियां थीं। मैंने इस आशा से एक
जीवन का चमत्कार – भारतीय फिल्म अभिनेत्री शशिकला Read More »
पाप के गहरे संस्कार जन्म जन्मांतरों तक हमारे शत्रु की तरह साथ लगे रहते हैं, और दुखद स्थितियां पैदा करते रहते हैं। इसी प्रकार गहरे पूण्य संस्कार हमारे मित्र की तरह जन्म जन्मांतरों तक चित्तधारा के साथ लगे रहते हैं और हमारी सहायता करते हैं, सुखद फल देते हैं। संकट में हमारी रक्षा करते हैं।
जो व्यक्ति सम्यक संबुद्ध बना, अरहंत बना, वीतराग, वीतद्वेष, वीतमोह, भवमुक्त बना । उसके जीवन की चार महत्त्वपूर्ण घटनाएं -वह बोधिसत्त्व के रूप में राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के नाम से शाक्यों के घर में जन्मा। राजकुमार है, पर किसी राजमहल में नहीं जन्मा। जन्मा किसी पेड़ के तले, खुली प्रकृति में, खुले आसमान के तले
लगभग पच्चीस वर्ष पूर्व जब मैं अमेरिका में धर्म सिखाने के लिए गया तब किसी ने मेरा इंटरव्यू लिया और पूछा कि मैंने अब तक कितने लोगों को बौद्ध बनाया हैं ? मैंने उत्तर दिया — एक को भी नहीं । इस पर पूछा गया — क्या आप बौद्धधर्म नहीं सिखाते ? –बिल्कुल नहीं ।
भगवान बुद्ध ने धर्म सिखाया, बौद्धधर्म नहीं! Read More »