अपने भाग्य विधाता डॉ. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जी का ६ डिसेंबर को ६४ वा महापरनिर्वाण दिवस हैं!
हर साल बाबसाहेब जी के अनुयायी लाखो के भीड से बाबासाहेब को अभिवादन करने चैत्यभूमी पर आते हैं,
लेकीन इस साल कोरोना के संकट के वजह से अनुयायी घर पर ही चैत्यभूमी पर भीड ना करने का आवाहन मुख्यमंत्री साहेब श्री उद्धव ठाकरे जी ने किया हैं!
अपने घर पे रह कर कार्यक्रम का सिधा प्रसारण अपने घर से देख सकने की व्यवस्था सरकार ने की हैं!
आजतक के इतिहास मे यह पहिली बार लोग बाबासाहेब को अभिवादन करने दादर नहि जा सकेंगे,
विभिन्न माध्यम से ऑनलाइन दर्शन, स्मारक पर हेलिकॉप्टर के माध्यम से पृष्पवृष्टि की जाएगी।
उधर ग्लोबल विपश्यना पॅगोडा भी बंद राहेगा इसीलिये सरकार को भीमराव जी के बेटे बेटी यो ने सरकार को मदत करे !
अपून बाबसाहेब के संविधान को मनाने वाले लोग हैं हमेशा ही देश हीत समाज हीत मे काम किया है!
तो इस पावन मौके पर उनके बताये हूये मार्ग पर चल कर उनका सपना साकार करे, बाबासाहेब ने काहा था –
“मेरे जाने के बाद यह मत समझना कि में मर गया ,जब तक संविधान जिंदा है ,मैं जिंदा हूं ।बस संविधान को मत मरने देना।
बस ये ध्यान रख कर काम करते रहना हैं!
जय भीम
ॲड. प्रेमसागर गवळी