भीमा कोरेगांव लड़ाई का सच्चा इतिहास | Battle of Bhima Koregaon

भीमा कोरेगांव की लड़ाई भारतीय इतिहास की एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली घटना है, जिसे विशेष रूप से दलित समुदाय के शौर्य और आत्मसम्मान के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। यह युद्ध 1 जनवरी 1818 को पुणे के पास भीमा नदी के तट पर कोरेगांव में लड़ा गया था। यहाँ इस ऐतिहासिक युद्ध […]

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चमार जाति का सच्चा इतिहास | Chamar Cast History

चमार जाति का इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और गौरवशाली रहा है। इतिहासकारों और विद्वानों के अनुसार, इस समुदाय का संबंध भारत की प्राचीन क्षत्रिय परंपराओं और गौरवपूर्ण अतीत से है। यहाँ चमार जाति के इतिहास के मुख्य पहलू दिए गए हैं: 1. प्राचीन क्षत्रिय मूल (Historical Roots) विद्वानों और इतिहासकारों (जैसे डॉ. एन.वी. लेले और

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बौद्ध परंपरा से प्रेरित सुंदर और अर्थपूर्ण बच्चो के नाम

Buddhist Baby Names – Girls A आर्या (Arya) – श्रेष्ठ अमिता (Amita) – असीम आन्वी (Aanvi) – सौम्य अहिंसा (Ahimsa) – करुणा, अहिंसा B बोधि (Bodhi) – ज्ञान, बोध बुद्धिका (Buddhika) – बुद्धिमत्ता भावना (Bhavana) – ध्यान, साधना C चेतना (Chetana) – जागरूकता चारु (Charu) – सुंदर, सौम्य D दीपा (Deepa) – प्रकाश धम्मिका (Dhammika)

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कैसे पड़ा ‘महार’ यह नाम? | महार जाति का इतिहास

भारत की सामाजिक संरचना में महार जाति का इतिहास अत्यंत प्राचीन, संघर्षपूर्ण और गौरवशाली रहा है। आज “महार” शब्द केवल एक जाति का नाम नहीं, बल्कि यह साहस, स्वाभिमान, सामाजिक संघर्ष और परिवर्तन का प्रतीक बन चुका है। लेकिन अक्सर यह प्रश्न उठता है कि “महार” यह नाम कैसे पड़ा?” और इसका ऐतिहासिक अर्थ क्या

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बोधगया महाविहार मुक्ति आंदोलन | Bodhgaya Mahavihar Mukti Andolan Song

बोधगया महाविहार मुक्ति आंदोलन भारत के बौद्ध इतिहास का एक महत्वपूर्ण और संघर्षपूर्ण अध्याय है। यह आंदोलन बोधगया स्थित महाबोधि महाविहार को बौद्ध समुदाय के पूर्ण अधिकार में लाने के लिए शुरू किया गया था। भगवान बुद्ध को बोधि प्राप्ति का यह पवित्र स्थल सदियों तक बौद्धों से दूर रहा। इस आंदोलन को नई दिशा

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विपश्यना 10-दिवसीय कोर्स – पूरी जानकारी | Vipassana 10-Day Course Complete Guide

अगर आप मन की शांति, एकाग्रता और जीवन के दुखों से मुक्ति का वास्तविक मार्ग खोज रहे हैं, तो विपश्यना ध्यान आपके जीवन को गहराई से बदल सकता है। विश्वभर में लाखों लोगों ने इस 10-दिवसीय कोर्स के माध्यम से मानसिक शांति और स्पष्टता का अनुभव किया है। इस लेख में हम जानेंगे— Vipassana Course

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बाबासाहेब के अंतिम दिन: सच्ची कहानी और भावनात्मक प्रसंग

६ दिसंबर – डॉ. भीमराव आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस भारतीय इतिहास में ६ दिसंबर केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक वेदना, एक स्मृति और एक युग के समापन का प्रतीक है।यह वह दिन है जब लाखों लोगों के प्रेरणास्रोत, संविधान निर्माता, समाज सुधारक और मानवता के मसीहा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने इस दुनिया को अलविदा कहा।

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संविधान ने दलितों को क्या दिया? अधिकार, सुरक्षा और अवसर की कहानी

भारतीय संविधान केवल एक क़ानून की किताब नहीं, बल्कि समाज में समानता, न्याय और स्वतंत्रता का प्रतीक है। हमारे संविधान के निर्माता, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, ने विशेष रूप से यह सुनिश्चित किया कि दलित और अन्य पिछड़े वर्गों को समाज में बराबरी का दर्जा मिले। आज हम जानेंगे कि संविधान ने दलितों को क्या-क्या अधिकार

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क्या BSP और भीम आर्मी कभी साथ आ सकते हैं? राजनीतिक समीकरण का गहरा विश्लेषण

उत्तर प्रदेश की दलित राजनीति वर्षों से BSP और उसके नेतृत्व के इर्द-गिर्द घूमती रही है। दूसरी ओर भीम आर्मी और चंद्रशेखर आज़ाद ने नए दौर की दलित-युवा राजनीति को जन्म दिया। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है— क्या बहुजन समाज पार्टी (BSP) और भीम आर्मी/आज़ाद समाज पार्टी कभी साथ आ सकते हैं? चलिए इसे

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भारत का संविधान: गौरव, उपलब्धि और एकता का प्रतीक

भारत का संविधान केवल एक लिखित दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र, हमारे अधिकारों और हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक है। 26 जनवरी 1950 को जब भारतीय संविधान लागू हुआ, उस दिन भारत ने न केवल एक नया राजनीतिक ढांचा अपनाया, बल्कि एक ऐसे समाज का निर्माण किया जो समानता, न्याय और स्वतंत्रता पर आधारित

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