🧑🏫 पूरा नाम: विश्वनाथ प्रताप सिंह
🗓️ जन्म: 25 जून 1931, अलाहाबाद (अब प्रयागराज), उत्तर प्रदेश
⚰️ मृत्यु: 27 नवम्बर 2008, नई दिल्ली
🏛️ पद: भारत के 8वें प्रधानमंत्री (1989 – 1990)
🎓 शिक्षा: इलाहाबाद व पूना विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त
👨👩👧👦 परिवार: राजा बहादुर राम गोपाल सिंह द्वारा गोद लिए गए (मंढी राज्य)
🧭 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
वी. पी. सिंह का जन्म एक राजघराने में हुआ था। वे पढ़ाई में तेज थे और उन्होंने इतिहास एवं कानून की पढ़ाई की। युवावस्था से ही उनमें समाजसेवा की भावना थी। वे सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखते थे।
📚 राजनीतिक जीवन की शुरुआत:
-
1969: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने (1969–1970)
-
1971: कांग्रेस से लोकसभा सांसद चुने गए
-
1980-82: कांग्रेस (I) सरकार में वाणिज्य मंत्री
-
1984-87: वित्त मंत्री बने, जहाँ उन्होंने काले धन और टैक्स चोरी के खिलाफ अभियान चलाया
-
1987: बोफोर्स घोटाले पर सवाल उठाए, जिससे राजीव गांधी से मतभेद हुए
-
कांग्रेस छोड़ दी और जनमोर्चा बनाया
🗳️ प्रधानमंत्री कार्यकाल (1989–1990):
-
1989 में कांग्रेस के विरोध में जनता दल, बीजेपी, और लेफ्ट पार्टियों के समर्थन से प्रधानमंत्री बने
-
इस कार्यकाल की सबसे ऐतिहासिक घटना थी —
👉 मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करना (1990)-
इससे OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) को केंद्र सरकार की नौकरियों में 27% आरक्षण मिला
-
देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए
-
लेकिन वी. पी. सिंह ने सामाजिक न्याय के लिए अपने फैसले पर अडिग रहे
-
🔥 कारण बना इस्तीफे का:
-
अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के दौरान बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया
-
10 नवम्बर 1990 को वी. पी. सिंह को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा
🧬 राजनीतिक सिद्धांत और विचारधारा:
-
ईमानदारी, सादगी और नैतिकता के प्रतीक
-
जातीय समानता और सामाजिक न्याय के समर्थक
-
वे भ्रष्टाचार के कट्टर विरोधी रहे
-
उन्होंने कहा था:
“जब तक देश के गरीब, दलित और पिछड़े न्याय नहीं पाएंगे, तब तक असली आज़ादी अधूरी है।”
🧑⚖️ प्रधानमंत्री कार्यकाल (1989–1990):
-
जनता दल के नेता के रूप में 1989 में प्रधानमंत्री बने।
-
उन्होंने मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू कीं, जिससे पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% आरक्षण मिला।
-
उनके इस फैसले से देशभर में आंदोलन हुआ, लेकिन उन्होंने पिछड़ों के हक के लिए यह निर्णय लिया।
🔍 प्रमुख योगदान:
-
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाए।
-
सामाजिक न्याय और समानता के पक्षधर रहे।
-
मंडल आयोग लागू कर पिछड़ों को राजनीतिक और शैक्षणिक लाभ दिलाया।
-
किसान, दलित, पिछड़े और आम जनता के हितों की रक्षा की।
🕯️ निधन:
-
27 नवम्बर 2008, नई दिल्ली
-
वे कैंसर से पीड़ित थे
-
उनका अंतिम संस्कार बेहद सादगी से किया गया – बिना सरकारी तामझाम के
🏅 विरासत:
-
मंडल आयोग लागू कर उन्होंने भारत में सामाजिक न्याय की राजनीति की नींव रखी
-
उन्हें OBC वर्ग का मसीहा कहा जाता है
-
आज भी कई नेता और दल उन्हें “सामाजिक न्याय के योद्धा” के रूप में याद करते हैं
🌟 स्मरणीय बातें:
-
वी. पी. सिंह को “मंडल पुरुष” भी कहा जाता है।
-
उन्होंने सत्ता के बजाय सिद्धांतों को प्राथमिकता दी।
-
वे भारत में सामाजिक न्याय की राजनीति के एक मजबूत स्तंभ माने जाते हैं।