तेरी महिमा से रौशन है भारतवर्ष ये सारा,
मिटी है दूरियां दिल की,
मिटा अज्ञान का अंधियारा,
समानता मिल गई ऐसी जो सबको तेरे आने से
जिए है लोग तब से, सर
उठा के अब जमाने में,
मनाए आज सब मिलकर,
जयंती बाबा साहब की
14 अप्रैल आई है,
जयंती बाबा साहब की ।
तुमको पाकर धन्य हुआ है,
सारा अपना देश ये देखो,
एकता की डोर जो बांधी
खड़े है सारे साथ में देखो
धर्म जात सब साथ लाके,
देश के है भाग जागे,
भेदभाव की बीमारी
बड़ी गंदी थी सारी
ये तूने ही उतारी
जलाकर दीप मनाएं हम,
जयंती बाबा साहब की,
14 अप्रैल आई है,
जयंती बाबा साहब की,
सब दुख तुझसे दूर हुए हैं,
शिक्षा के नजदीक हुए हैं
दलितों की राहें है सुधारी
तूने हिम्मत दिल में उतारी।
तूने हिम्मत दिल में उतारी।
निर्धन का तुम धन हो बाबा,
अज्ञानी का ज्ञान हो बाबा,
महिलाओं की दशा सुधारी,
तुझको पूजे जनता सारी
तुझको पूजे जनता सारी
तुझको पूजे जनता सारी
गले मिलकर मनाए हम,
जयंती बाबा साहब की
14 अप्रैल आई है
जयंती बाबा साहब की
मनाए आज सब मिलकर,
जयंती बाबा साहब की
14 अप्रैल आई है,
जयंती बाबा साहब की ।