स्वामी ब्रह्मानंद लोधी की जीवनी

👶 प्रारंभिक जीवन एवं परिवार

  • जन्म: 4 दिसंबर 1894, हमीरपुर ज़िले की राठ तहसील के बरहरा गाँव (उत्तर प्रदेश) में एक किसान परिवार में हुआ

  • पिता: मातादीन लोधी, माता: जशोदाबाई। बचपन में उनका नाम शिवदयाल रखा गया था

  • बचपन से ही उन्हें संतों ने बताया कि यह बालक या तो राजा बनेगा या महापुरुष


🧠 शिक्षा एवं आध्यात्मिकता

  • प्रारंभिक शिक्षा हमीरपुर में हुई। इसके बाद रामायण, महाभारत, गीता, उपनिषद आदि का घर पर ही अध्ययन जारी रखा गया

  • 24 वर्ष की आयु में पुत्र-पत्नी त्यागकर हरिद्वार में सन्यास ग्रहण किया और ‘स्वामी ब्रह्मानंद’ के नाम से प्रसिद्ध हुए


📿 स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका

  • 1921 में महात्मा गांधी से संपर्क में आए और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया

  • उन्होंने नमक आंदोलन (Salt Satyagraha) और भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India) में हिस्सा लिया, जिसके कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा


🎓 शिक्षा एवं सामाजिक कार्य

  • बुंदेलखंड में शिक्षा के प्रसार और संस्थानों की स्थापना में सक्रिय रहे। उन्होंने वहाँ स्कूल, कॉलेज, धर्मशालाएं, तालाब आदि बनवाए

  • हमीरपुर में ‘स्वामी ब्रह्मानंद विद्यालय/कालेज’ की नींव रखी गई, जो आज भी काम करता है


🏛️ पहला भगवाधारी संन्यासी सांसद

  • 1967 में हमीरपुर लोकसभा सीट से जनसंघ पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीतकर भारत के पहले भगवाधारी संन्यासी सांसद बने

  • उन्होंने संसद में गौ हत्या और पशु रक्षा पर लगभग एक घंटे तक ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसे काफी सराहा गया


🌱 नीतियाँ तथा जीवन दर्शन

  • संन्यासी जीवन में उन्होंने व्यक्तिगत संपत्ति न रखने, हाथ से पैसा न छूने का प्रण लिया और जो वेतन मिला सभी छात्रों एवं शिक्षा कार्यों में दान कर दिया

  • उन्होंने कहा कि “मेरी निजी संपत्ति नहीं है, यह जनता की है” — उन्हें कर्मयोगी का जीवित उदाहरण माना गया


निर्वाण (मृत्यु)

  • स्वामी ब्रह्मानंद जी 13 सितंबर 1984 को ब्रह्मलीन हुए (वैसे कुछ स्रोतों में 13 सितंबर 1984, कुछ में 198? बताया गया है)

  • अन्य समाचार स्रोतों में 13 सितम्बर को निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है


🏆 सम्मान और विरासत

  • भारत सरकार ने 14 सितंबर 1997 को उनके सम्मान में 2 रुपये मूल्य का डाक टिकट जारी किया

  • बुंदेलखंड और लोधी समाज में उनकी जन्म जयंती और निर्वाण दिवस पर समारोह, शोभा यात्राएं व सामाजिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं

  • अनेक राजनीतिक और सामाजिक नेता उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं


📋 संक्षिप्त तथ्य सारणी

विषय विवरण
जन्म 4 दिसंबर 1894, बरहरा गाँव, हमीरपुर (UP)
बचपन का नाम शिवदयाल
सन्यास ग्रहण 24 वर्ष की आयु में, हरिद्वार
स्वतंत्रता संग्राम नमक आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन
शिक्षा कार्य बुंदेलखंड में स्कूल, कॉलेज की स्थापना
सांसद 1967–1977, हमीरपुर लोकसभा सदस्य
मृत्यु 13 सितंबर 1984

स्वामी ब्रह्मानंद लोधी न केवल स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि शिक्षा, समाज सुधार और धार्मिक आडंबर को दूर करने वाले महापुरुष भी थे। उन्होंने अपने संन्यासी जीवन को मातृभूमि और समाज के कल्याण में समर्पित किया।