साइमन कमीशन, जिसे “सिमोन कमीशन” भी कहा जाता है, एक ऐतिहासिक घटना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय में घटी थी। इसका नाम विशेष रूप से उस समिति के अध्यक्ष लॉर्ड शिमन डाब्ल्यू सिमन्स के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने इस समिति का नेतृत्व किया था। यह समिति भारतीय सामाज में विभाजन को बढ़ाने और स्वतंत्रता संग्राम को कमजोर करने के उद्देश्य से ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाई गई थी।
साइमन कमीशन ने 1928 में भारत आया और उसने भारत के विभाजन को समझने और उसके अलगाव के संभावने का प्रस्ताव दिया। इसके परिणामस्वरूप, कमीशन ने अपने रिपोर्ट में विभाजन के समाधान के लिए कई सुझाव प्रस्तुत किए, जैसे कि “सामझौता योजना” और “साइमन कमीशन की सिफारिश” आदि।
साइमन कमीशन की सिफारिशों के खिलाफ भारतीय जनता ने प्रदर्शन किए और उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे यह सिफारिशें नहीं मानेंगे, क्योंकि इन्हें ब्रिटिश साम्राज्य की प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा था। इसके परिणामस्वरूप, यह घटना स्वतंत्रता संग्राम की उम्मीदों और भारतीय जनता के आक्रोश को बढ़ा दिया और स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणास्त्रोत बनी।
साइमन कमीशन क्या था
साइमन कमीशन में भारतीय सदस्य कौन थे
साइमन कमीशन पर निबंध
साइमन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट कब प्रस्तुत की
साइमन कमीशन के समर्थक
साइमन कमीशन के कुल सदस्य थे
साइमन कमीशन का सच
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