अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को उच्च श्रेणी शिक्षा प्राप्त करने के लिए केन्द्रीय क्षेत्र छात्रवृत्ति
पृष्ठभूमि :
यह स्कीम वर्ष 2005-06 के केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुसरण में तैयार की गई और दिनांक 21 जून, 2007 से लागू है। तत्पश्चात् योजनाओं में जनवरी, 2012 में संशोधन किया गया था।
उद्देश्य :
इस स्कीम का उद्देश्य अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को कक्षा 12 के बाद अध्ययन करने के लिए पूरी वित्तीय सहायता प्रदान करके इनमें गुणवत्तामूलक शिक्षा को प्रोत्साहन देना है।
कवरेज :
- इस समय देश में सभी भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान, भारतीय प्रबंधन संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वाणिज्यिक पायलट प्रशिक्षण संस्थानों और विख्यात चिकित्सा/विधि तथा अन्य उत्कृष्ट संस्थानों सहित कुल 212 अधिसूचित संस्थान हैं। प्रति वर्ष कुल 1250 छात्रवृत्तियां प्रदान करनी होती हैं। अध्ययन पाठ्यक्रमों में इंजीनियरी, चिकित्सा/दन्त चिकित्सा, विधि, प्रबंधन और अन्य विशेषज्ञता आधारित विषय शामिल हैं।
- एक बार प्रदान की गई छात्रवृत्ति संतोषजनक कार्य-निष्पादन की शर्त के अधीन संबंधित पाठ्यक्रम पूरा होने तक जारी रहेगी।
आय-सीमा और पात्रता
- इस स्कीम के तहत पात्रता के लिए सभी स्रोतों से वार्षिक पारिवारिक आय-सीमा 4.50 लाख रूपए है। किसी संस्थान का पात्र अभ्यर्थियों के चयन का सामान्य मानदण्ड योग्यता होनी चाहिए। तथापि यदि किसी संस्थान में उपलब्ध अंतिम स्लाट के लिए एक से अधिक विद्यार्थियों के बराबर अंक हैं तो कम वार्षिक पारिवारिक आय वाले विद्यार्थी को प्राथमिकता दी जाए।
- अनुसूचित जाति के ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने संबंधित संस्थानों द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार अधिसूचित संस्थानों में प्रवेश लिया है, संबंधित संस्थानों को आबंटित की गई छात्रवृत्तियों की संख्या की सीमा तक इस स्कीम के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने के पात्र हैं।
- यह छात्रवृत्ति योग्यता आधारित है और प्रत्येक संस्थानों में (अपनी पात्रता की शर्त के अधीन) सर्वोत्कृष्ट विद्यार्थी इसे प्राप्त करता है। दाखिल किए गए विद्यार्थियों की संख्या छात्रवृत्तियों की संख्या से अधिक होने की स्थिति में छात्रवृत्ति संस्थान-वार परस्पर मेरिट सूची में सर्वोत्कृष्ट विद्यार्थी के लिए सीमित की जाएगी। यदि संस्थान को यह पता चलता है कि प्रथम वर्ष में पात्र अभ्यर्थियों की संख्या इसे आबंटित की गई छात्रवृत्ति की संख्या से कम है तो शेष छात्रवृत्तियां अपने संबंधित पाठ्यक्रमों को पूरा करने के शेष वर्षों की अधिक संख्या अर्थात प्रथम वर्ष के विद्यार्थी को द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी की तुलना में तथा इसी क्रम में अन्य को प्राथमिकता दी जानी है, के अनुसार प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ वर्ष इत्यादि के विद्यार्थियों को प्रदान की जा सकती है।
सहायता की मात्रा
यह छात्रवृत्ति निम्नलिखित के लिए प्रदान की जाती है :
- पूर्ण शिक्षण शुल्क और अन्य वापस न किए जाने वाले प्रभार (प्राइवेट संस्थाओं में प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष शुल्क की अधिकतम सीमा 2 लाख रूपए और प्राइवेट वाणिज्यिक पायलट प्रशिक्षण संस्थाओं में प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष 3.72 लाख रूपए है)।
- जीवन-यापन व्यय 2220 रूपए प्रति माह प्रति विद्यार्थी की दर से।
- पुस्तक और स्टेशनरी व्यय 3000 रूपए प्रति वर्ष प्रति विद्यार्थी की दर से।
- पूरे सहायक उपकरणों सहित अद्यतन कम्प्यूटर के लिए 45000 रूपए प्रति विद्यार्थी एक-बारगी सहायता (जीवन-यापन व्यय, पुस्तकों और स्टेशनरी तथा कम्प्यूटर की लागत वास्तविक व्यय की शर्त के अधीन है)।
वित्त-पोषण पद्धति :
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के दाखिले के बारे में अनिवार्य ब्यौरा प्राप्त हो जाने के बाद मंत्रालय सीधे संस्थाओं को वार्षिक आधार पर एक किश्त में निधियां जारी करता है।