जानते हैं ये जानने वाले मानते हैं मानने वाले
पूरा करे जो देश का सपना, ऐसी लिखी बाबा ने घटना
उस घटना को बदल ने वाले कैसे वतन के हो रखवाले
एक एक पन्ना खोल के देखो, एक एक अक्षर तोल के देखो
छोटा बड़ा यहाँ कोई नहीं है, घटना मे लिखा भी यही हैं
आरक्षण दलितों को मिला हैं, मान मिला सन्मान मिला हैं
सुनले समीक्षा कराने वाले..
कैसे वतन के हो रखवाले
यहाँ चले ना तानाशाही और चले ना बादशाही
कोई किसी को छल नहीं सकता, जो लिखा वो टल नहीं सकता
सब को बराबर हक़ दिलवाए
जीने की सही राह दिखाए
उसपर तुमने पहेरे डाले
कैसे वतन के हो रखवाले
नारी घर से निकली बाहर, चलती हैं मर्दों के बराबर
इंदिरा, ममता, सुष्मा , माया , सबने कैसा रंग जमाया
ये जो संविधान मिला हैं समझो के वरदान मिला हैं
फिर भीं करते हो जो ताले
कैसे वतन के हो रखवाले
इसका कोई जोड़ नहीं हैं , इस घटना की तोड़ नहीं हैं
कोई क्या इसको बदलेगा , कोई क्या इसको छलेगा
छोड़ दो अपनी खिदमत वालो , घटना पर मत नजरे डालो
उजले कपडे और मन काले…
कैसे वतन के हो रखवाले
पूरा करे जो देश का सपना, ऐसी लिखी बाबा ने घटना
उस घटना को बदल ने वाले
कैसे वतन के हो रखवाले