यही धम्म है
जनमानस हित में अंतर्मन से जुड़ना
यही धम्म है
A man is shaped by pure thought
And he becomes what he sought
When his mind is pure
Joy follows him for sure
सब्बे सत्ता सुखी होन्तु
सब्बे होन्तु च खेमिनो
सब्बे भद्रानी पस्सन्तु
माकत्र्चि दुःखमागमा
केवल विद्वान ही होना पर्याप्त नही
अहसास के साथ ही जीना दिनरात यहीं
कठिनाई में सच झूठ का परिचय करना
यही धम्म है
( पवित्रता जीवन की बनाये रखना
यही धम्म है
जनमानस हित में अंतर्मन से जुड़ना
यही धम्म है
A man is shaped by pure thought
And he becomes what he sought
When his mind is pure
Joy follows him for sure
सब्बे सत्ता सुखी होन्तु
सब्बे होन्तु च खेमिनो
सब्बे भद्रानी पस्सन्तु
माकत्र्चि दुःखमागमा )
हर दिल में प्यार भरा हो
सुमधुर हो हर वाणी
— से लिखते जाओ सुख की कहानी
आचार नीती से खुद को नियंत्रित रखना
पवित्रता जीवन की बनाये रखना
यही धम्म है
जनमानस हित में अंतर्मन से जुड़ना
यही धम्म है