श्रेष्ठ मंगल क्या है?
एक समय भगवान श्रावस्ती नगर के जेतवन उद्यान में श्रेष्टी अनाथपिडिक द्वारा बनवाये संघाराम में विहार कर रहे थे। उस समय भगवान से पूछा गया: – “बहू देवा मनुस्सा च, मङ्गलानि अचिन्तयुं । आकङ्खमाना सोत्थानं, ब्रूहि मङ्गलमुत्तमं ॥” – कल्याण की कामना करते हुए कितने ही देव और मनुष्य मंगल-धर्मों के संबंध में चिंता-मग्न रहे …