माता रमाबाई आंबेडकर की जीवनी

🪔 पूरा नाम: रमाबाई भीमराव आंबेडकर
🧬 जन्म:  7 Feb 1898
🏡 जन्म स्थान: वानंद, डिस्ट. रत्नागिरी, महाराष्ट्र
👨‍👩‍👧‍👦 माता-पिता: भीमाजी और रुक्मिणी
👰 पति: डॉ. भीमराव आंबेडकर (भारत रत्न, संविधान निर्माता)

🌼 परिचय:
माता रमाबाई आंबेडकर, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की धर्मपत्नी थीं। वे एक साधारण, धैर्यशील और सच्चे अर्थों में “संघर्ष की साथी” थीं। उन्होंने बाबासाहेब के कठिन जीवन-संघर्षों में हमेशा उनका साथ दिया। वे स्वयं पढ़ी-लिखी नहीं थीं, परंतु उन्होंने बाबासाहेब को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और उनके हर संघर्ष में उनका भावनात्मक और घरेलू सहारा बनी रहीं।

💑 विवाह:
  • रमाबाई और भीमराव आंबेडकर का विवाह 1906 में हुआ था।
  • उस समय बाबासाहेब की उम्र 15 साल और रमाबाई की उम्र लगभग 9 साल थी।
  • शादी के बाद रमाबाई ने घर की जिम्मेदारी संभाली ताकि बाबासाहेब उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।

🧵 संघर्षमय जीवन:
  • बाबासाहेब जब विदेश (लंदन और अमेरिका) में पढ़ाई कर रहे थे, तब रमाबाई ने भारत में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में जीवन बिताया।
  • आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी, फिर भी उन्होंने कभी शिकायत नहीं की।
  • उन्होंने 5 बच्चों को जन्म दिया, परंतु केवल एक पुत्र यशवंत ही जीवित रहे।
  • अपने बच्चों की मृत्यु और गरीबी के बावजूद रमाबाई ने धैर्य नहीं खोया।

🙏 धार्मिक आस्था:
  • रमाबाई बहुत धार्मिक महिला थीं।
  • वे भगवान राम की भक्त थीं और हमेशा “राम राम” जपती थीं, इसलिए बाबासाहेब उन्हें “रामा” कहकर पुकारते थे।

🕯️ निधन:
  • माता रमाबाई का निधन 27 मई 1935 को मुंबई में हुआ।
  • बाबासाहेब उस समय पूरी तरह व्यस्त और संघर्षरत थे, लेकिन उन्होंने कहा –
    “मेरे जीवन की सबसे बड़ी हानि रमाबाई को खोना है।”

🌸 स्मृति और सम्मान:
  • डॉ. आंबेडकर ने “रामजी” नामक एक पुस्तक उन्हें समर्पित की थी।
  • देशभर में कई स्थानों पर “माता रमाबाई स्मारक” बनाए गए हैं।
  • वे भारतीय नारी शक्ति और त्याग का प्रतीक मानी जाती हैं।

📜 निष्कर्ष:
माता रमाबाई आंबेडकर का जीवन त्याग, सहनशीलता और निस्वार्थ प्रेम की मिसाल है। उन्होंने डॉ. आंबेडकर के जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो स्वयं भारतीय संविधान के निर्माता बने। उनका नाम इतिहास में सदा-सदा के लिए सम्मान से लिया जाएगा।