🪔 पूरा नाम: भीमराव रामजी आंबेडकर
🏷️ लोकप्रिय नाम: बाबासाहेब आंबेडकर
📅 जन्म: 14 अप्रैल 1891
📍 जन्म स्थान: महू (अब मध्यप्रदेश), भारत
👨👩👧👦 पिता: रामजी मालोजी सकपाल (सेना में सूबेदार)
👩👧👦 माता: भीमाबाई
🏫 जाति: महार (अस्पृश्य मानी जाने वाली जाति)
🧑🎓 पेशा: विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, लेखक, संविधान निर्माता
✨ परिचय:
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भारत के संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक, दलितों के मसीहा, और मानवाधिकारों के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने दलितों, महिलाओं, मजदूरों और शोषित वर्गों के अधिकारों के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया।
🎓 शिक्षा:
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प्रारंभिक शिक्षा: सतारा और मुंबई में
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1907 में मैट्रिक पास करने वाले पहले महार छात्र बने
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एलफिंस्टन कॉलेज, मुंबई से ग्रेजुएशन (बी.ए. – अर्थशास्त्र और राजनीति)
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कोलंबिया यूनिवर्सिटी, अमेरिका – एम.ए., पीएच.डी.
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लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डी.एससी.
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ग्रेज इन (लंदन) से बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की
🏆 वे पहले भारतीय थे जिन्होंने दोनो ओर से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की (अर्थशास्त्र में)!
🏛️ राजनीतिक और सामाजिक कार्य:
🔹 अस्पृश्यता के विरुद्ध संघर्ष:
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उन्होंने अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए सत्याग्रह और आंदोलनों का नेतृत्व किया:
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चावदार तालाब सत्याग्रह (1927)
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नासिक का कालाराम मंदिर प्रवेश आंदोलन (1930)
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महाड़ सत्याग्रह
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🔹 राजनीति में प्रवेश:
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1936: स्वतंत्र मजदूर पार्टी की स्थापना
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1942: शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन की स्थापना
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1947: भारत सरकार में क़ानून मंत्री बने
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1956: भारतीय बौद्ध महासभा की स्थापना और बौद्ध धर्म स्वीकार किया
📜 संविधान निर्माता:
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स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष बने
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उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता, स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता को संविधान में प्रमुखता दी
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भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ
🔖 उन्हें “भारतीय संविधान का निर्माता” कहा जाता है
📚 प्रमुख लेखन कार्य:
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Annihilation of Caste
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Who Were the Shudras?
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The Problem of the Rupee
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Thoughts on Linguistic States
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Buddha and His Dhamma
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और अनेक भाषण, निबंध व ऐतिहासिक दस्तावेज
❤️ व्यक्तिगत जीवन:
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पहली पत्नी: रमाबाई (1906 – 1935)
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दूसरी पत्नी: साविता आंबेडकर (1948 में विवाह)
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उन्होंने 14 अक्टूबर 1956 को 5 लाख से अधिक अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया
🕯️ निधन:
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📆 मृत्यु: 6 दिसंबर 1956
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📍 स्थान: दिल्ली
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उनका अंतिम संस्कार नागपुर में “दीक्षा भूमि” पर हुआ
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मृत्यु के बाद उन्हें भारत रत्न (1990, मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया
🌟 विरासत:
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भारत में दलित आंदोलन के जनक
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समाज में समानता की भावना स्थापित की
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देश और दुनिया भर में लाखों लोग उन्हें पूज्य मानते हैं
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उनकी जन्मतिथि 14 अप्रैल को “सामाजिक न्याय दिवस” के रूप में मनाया जाता है
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दक्षिण कोरिया, लंदन, कोलंबिया यूनिवर्सिटी सहित अनेक जगहों पर उनकी प्रतिमाएँ लगी हैं
🔔 प्रेरणादायक उद्धरण (Quotes):
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“शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।”
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“मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।”
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“जो समाज अपने इतिहास को नहीं जानता, वह समाज कभी इतिहास नहीं बना सकता।”