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पूरा नाम: रायबहादुर चौधरी छोटूराम
जन्म: 24 नवंबर 1881
जन्मस्थान: गढ़ी सांपला, रोहतक जिला (अब हरियाणा), ब्रिटिश भारत
मृत्यु: 9 जनवरी 1945
धर्म: हिन्दू
जाति: जाट
पेशा: समाज सुधारक, राजनेता, वकील, किसान नेता
🧒 प्रारंभिक जीवन:
चौधरी छोटूराम का जन्म एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सुखीराम और माता का नाम सिरयानी देवी था। वे पढ़ाई में अत्यंत तेज़ थे और शिक्षा के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव से प्राप्त की, बाद में दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली और कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद वकालत शुरू की।
🌾 समाज सुधारक और किसान हितैषी:
चौधरी छोटूराम ने उस समय के शोषित किसानों, मज़दूरों और गरीबों की आवाज़ को बुलंद किया। उन्होंने ब्रिटिश राज में किसानों की समस्याओं को सामने रखा और उनके हक़ में अनेक कानून बनवाए।
उनके द्वारा किए गए प्रमुख कार्य:
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1933: भूमि सुधार कानून बनवाया ताकि साहूकार किसानों की ज़मीनें न हड़प सकें।
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कर्ज़ माफी कानून: किसानों को साहूकारों के कर्ज़ से मुक्ति दिलाने के लिए।
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सिंचाई व्यवस्था में सुधार: हरियाणा में नहरों और जल संसाधनों का विकास।
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ग्रामीण शिक्षा का प्रचार।
👨⚖️ राजनीतिक योगदान:
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वे यूनियनिस्ट पार्टी (Unionist Party) के प्रमुख नेता बने जो पंजाब में किसानों और मजदूरों की पार्टी थी।
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वे ब्रिटिश सरकार में पंजाब सरकार के राजस्व मंत्री भी बने।
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उनका मानना था कि “किसान को आत्मनिर्भर बनाना ही असली आज़ादी है।”
🏛️ सम्मान और उपाधियाँ:
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“रायबहादुर” की उपाधि ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई।
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“देहातियों का मसीहा” के नाम से वे प्रसिद्ध हुए।
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उनकी मूर्ति दिल्ली के संसद भवन के बाहर भी स्थापित है।
🕊️ मृत्यु:
9 जनवरी 1945 को उनका निधन हो गया। लेकिन उनके विचार और योगदान आज भी हरियाणा, पंजाब और भारत के किसानों के लिए प्रेरणा हैं।
✅ मुख्य विचार / कथन:
“किसान को उसकी मेहनत का पूरा हक़ मिलना चाहिए, नहीं तो यह देश कभी सच्चा आज़ाद नहीं होगा।” – चौधरी छोटूराम