चौधरी चरण सिंह की जीवनी

🌾 मूल परिचय
  • नाम: चौधरी चरण सिंह
  • जन्म: 23 दिसम्बर 1902, नूरपुर गाँव, ज़िला मेरठ (अब हापुड़), उत्तर प्रदेश
  • मृत्यु: 29 मई 1987, नई दिल्ली
  • जाति: जाट
  • पिता का नाम: मीर सिंह
  • शिक्षा: एम.ए. और एल.एल.बी. (आगरा विश्वविद्यालय)
  • व्यवसाय: वकील, स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता

परिचय:
चौधरी चरण सिंह भारत के एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर राजनीतिज्ञ और किसानों के सच्चे नेता थे। वे भारत के पाँचवें प्रधानमंत्री बने और किसानों के हित में अनेक महत्वपूर्ण नीतियाँ लागू कीं। उनका राजनीतिक जीवन सादगी, ईमानदारी और संघर्ष की मिसाल है।

प्रारंभिक जीवन:
चरण सिंह एक साधारण किसान परिवार में जन्मे। बाल्यकाल से ही वे अत्यंत मेधावी और मेहनती छात्र थे। उन्होंने कानून की पढ़ाई पूरी कर वकालत शुरू की, लेकिन जल्द ही महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए।
🧑‍🌾 राजनीतिक करियर:
  • 1937: पहली बार यूपी विधानसभा में चुने गए
  • 1946-1951: उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री
  • 1967: पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
  • 1979-1980: भारत के प्रधानमंत्री (6 महीने तक)
चरण सिंह ने किसानों की समस्याओं को राजनीति के केंद्र में लाया। वे राजनीति में नैतिकता, सादगी और ईमानदारी के प्रतीक थे।

📚 मुख्य योगदान और उपलब्धियाँ:
  • जमींदारी प्रथा समाप्त की और किसानों को ज़मीन का मालिक बनाया
  • किसान आधारित नीतियाँ बनाईं, जैसे सस्ती दरों पर खाद, बीज, और ऋण
  • “भारत की अर्थनीति में ग्रामीण भारत” नामक पुस्तक लिखी
  • ग्रामीण विकास और कृषि सुधारों में अग्रणी भूमिका निभाई
  • उनके सम्मान में हर साल 23 दिसम्बर को “राष्ट्रीय किसान दिवस” मनाया जाता है

🏛️ प्रधानमंत्री कार्यकाल (1979-80):
  • जनता पार्टी टूटने के बाद, उन्होंने कांग्रेस (इंदिरा गांधी) के समर्थन से प्रधानमंत्री पद संभाला
  • समर्थन वापस लिए जाने पर केवल 6 महीने में इस्तीफा देना पड़ा
  • लेकिन उन्होंने इस छोटे कार्यकाल में भी किसानों के लिए आवाज बुलंद की

🌟 व्यक्तित्व और विचार:
  • अत्यंत सादा जीवन
  • गांव, किसान और गरीबों की समस्याओं से गहरी संवेदना
  • महात्मा गांधी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया
  • सत्ता की जगह सेवा को प्राथमिकता दी

🕯️ निधन और स्मृति:
  • निधन: 29 मई 1987, नई दिल्ली
  • स्मृति: दिल्ली में “किसान घाट” पर समाधि बनी है
  • उन्हें आज भी “भारत के किसानों का मसीहा” माना जाता है
  • 29 मई 1987 को उनका निधन हो गया। उनकी स्मृति में हर वर्ष 23 दिसम्बर को “किसान दिवस” मनाया जाता है।

    निष्कर्ष:
    चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति के ऐसे नेता थे जिन्होंने किसान को उसकी असली ताकत दिलाई। वे आज भी किसानों के हक की लड़ाई के प्रतीक माने जाते हैं। उनके विचार और कार्य आज भी प्रासंगिक हैं।