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🔷 नाम: छत्रपति शिवाजी महाराज
📅 जन्म: 19 फरवरी 1630
🏞️ जन्म स्थान: शिवनेरी दुर्ग, पुणे (महाराष्ट्र)
👨👩👦 पिता: शाहजी भोसले (मराठा सेनापति)
👩 माता: जिजाबाई (धार्मिक और तेजस्वी माता)
🏰 राज्याभिषेक: 6 जून 1674, रायगढ़ किले में
🕯️ मृत्यु: 3 अप्रैल 1680
🔶 परिचय:
छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के महान योद्धा, कुशल शासक और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। उन्होंने विदेशी शासन और अत्याचारी सत्ताओं के खिलाफ “हिन्दवी स्वराज्य” (स्वदेशी शासन) की स्थापना की। वे नीति, रणनीति, युद्ध कौशल और जनता की भलाई के लिए प्रसिद्ध हैं।
👦 बाल्यकाल:
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बचपन में ही उनमें नेतृत्व, साहस और स्वतंत्रता की भावना दिखाई देने लगी।
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उनकी माता जिजाबाई ने उन्हें धार्मिक और वीरता से भरपूर संस्कार दिए।
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बाल्यकाल में ही वे पर्वतों, किलों और तलवारबाजी में रुचि लेने लगे।
⚔️ प्रमुख विजय व युद्ध:
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तोरणा दुर्ग की विजय – शिवाजी ने 16 वर्ष की आयु में तोरणा किला जीतकर स्वतंत्रता की नींव रखी।
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अफजल खान वध (1659) – आदिलशाही सेनापति को पराजित किया।
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पन्हाला और विजापुर के खिलाफ संघर्ष
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मुगल साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष – औरंगज़ेब के सेनापतियों को हराया।
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आगरा से चमत्कारी रूप से बचकर भागना (1666) – औरंगज़ेब ने धोखे से बंदी बनाया था।
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राज्याभिषेक (1674) – रायगढ़ किले में उन्हें “छत्रपति” की उपाधि दी गई।
🛡️ प्रशासनिक कार्य:
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अष्टप्रधान मंडल की स्थापना – आठ मंत्रियों की परिषद
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धर्म, जाति और संप्रदाय से ऊपर उठकर शासन
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किसानों को संरक्षण और राहत
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न्याय और कानून-व्यवस्था का सशक्त प्रबंधन
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महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की
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समुद्री सुरक्षा हेतु नौसेना का निर्माण – भारत के पहले नौसैनिक शासक
🔖 धार्मिक दृष्टिकोण:
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वे गहरे धार्मिक थे, लेकिन कभी भी किसी धर्म के प्रति कट्टर नहीं रहे।
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मस्जिदों और मुस्लिम स्त्रियों का सम्मान करते थे।
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उन्होंने मंदिरों की रक्षा की।
🏁 मृत्यु और उत्तराधिकार:
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3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ में उनका निधन हुआ।
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उनके पुत्र संभाजी महाराज ने शासन संभाला, लेकिन उन्हें औरंगज़ेब ने बंदी बनाकर क्रूरता से मार दिया।
🌟 विरासत:
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शिवाजी महाराज एक प्रेरणास्रोत हैं – साहस, नीति, स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक।
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आज भी महाराष्ट्र और पूरे भारत में उन्हें “जननायक”, “हिंदवी स्वराज्य के जनक” के रूप में पूजा जाता है।
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उनके नाम पर कई स्मारक, संस्थान, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और विश्वविद्यालय हैं।
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भारत के नौसेना प्रशिक्षण संस्थान का नाम “INS शिवाजी” रखा गया है।
🕊️ प्रेरणादायक कथन:
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“स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच!”
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“धर्माच्या कामासाठी तलवार उपसणे हे पाप नाही.”