बोधगया महाविहार मुक्ति आंदोलन भारत के बौद्ध इतिहास का एक महत्वपूर्ण और संघर्षपूर्ण अध्याय है। यह आंदोलन बोधगया स्थित महाबोधि महाविहार को बौद्ध समुदाय के पूर्ण अधिकार में लाने के लिए शुरू किया गया था। भगवान बुद्ध को बोधि प्राप्ति का यह पवित्र स्थल सदियों तक बौद्धों से दूर रहा।
इस आंदोलन को नई दिशा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और बौद्ध भिक्षुओं ने दी। उन्होंने शांतिपूर्ण, संवैधानिक और सत्याग्रह के मार्ग से बोधगया महाविहार की मुक्ति की मांग की। यह आंदोलन केवल मंदिर के अधिकार का नहीं, बल्कि बौद्ध अस्मिता, धार्मिक स्वतंत्रता और ऐतिहासिक न्याय का प्रतीक बन गया।
बोधगया महाविहार मुक्ति आंदोलन आज भी बौद्ध समाज को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करता है और एकता, संघर्ष व आत्मसम्मान का संदेश देता है।
