तथागत गौतम बुद्ध – संक्षिप्त जीवनी (हिंदी)
तथागत गौतम बुद्ध विश्व को करुणा, अहिंसा और प्रज्ञा का मार्ग दिखाने वाले महान दार्शनिक और आध्यात्मिक गुरु थे।
जन्म: 563 ईसा पूर्व
जन्मस्थान: लुंबिनी (वर्तमान नेपाल)
पिता: राजा शुद्धोधन (शाक्य गणराज्य)
माता: महामाया देवी
पत्नी: यशोधरा
पुत्र: राहुल
बाल्यकाल और युवावस्था
गौतम बुद्ध का पालन-पोषण राजसी वैभव में हुआ। लेकिन जब उन्होंने बुढ़ापा, बीमारी, मृत्यु और संन्यासी को देखा, तो जीवन के दुःख और अस्थिरता का गहरा बोध हुआ। इन्हीं दृश्यों ने उन्हें सत्य की खोज के लिए प्रेरित किया।
गृहत्याग (महाभिनिष्क्रमण)
29 वर्ष की आयु में उन्होंने राजमहल, परिवार और सुख-सुविधाओं का त्याग कर सत्य और दुःखमुक्ति की खोज में संन्यास ग्रहण किया।
तपस्या और बोधि प्राप्ति
लगभग छह वर्षों की कठोर तपस्या के बाद उन्होंने मध्यम मार्ग अपनाया।
बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए उन्हें बोधि (ज्ञान) प्राप्त हुआ और वे बुद्ध कहलाए—अर्थात पूर्णतः जाग्रत।
बुद्ध के उपदेश
बुद्ध ने दुःख से मुक्ति का मार्ग बताया:
चार आर्य सत्य
-
जीवन दुःखमय है
-
दुःख का कारण तृष्णा (इच्छा) है
-
दुःख का निरोध संभव है
-
अष्टांगिक मार्ग से दुःख का अंत होता है
अष्टांगिक मार्ग
सम्यक दृष्टि, संकल्प, वाणी, कर्म, आजीविका, प्रयास, स्मृति और समाधि
धम्म प्रचार
बुद्ध ने लगभग 45 वर्षों तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में धम्म का प्रचार किया। उन्होंने जाति-भेद, हिंसा और अंधविश्वास का विरोध किया तथा करुणा, समानता और नैतिक जीवन पर बल दिया।
महापरिनिर्वाण
आयु: 80 वर्ष
स्थान: कुशीनगर
483 ईसा पूर्व में बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ।
बुद्ध का संदेश
बुद्ध का धम्म आत्मज्ञान, करुणा, शील और प्रज्ञा का मार्ग है, जो आज भी मानवता के लिए उतना ही प्रासंगिक है।
