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बुद्ध ने ज्ञान के सार को कुल 55 बिंदुओं में समेट दिया।

चार – आर्य सत्य पाँच – पंचशील आठ – अष्टांगिक मार्ग और अड़तीस – महामंगलसुत .. बुद्ध के चार आर्य सत्य.. 1. दुनियाँ में दु:ख है। 2. दु:ख का कारण है। 3. दु:ख का निवारण है। और 4. दु:ख के निवारण का उपाय है। .. पंचशील .. 1. झूठ न बोलना 2. अहिंसा 3. चोरी …

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छटा संगाएंन रंगून बर्मा

जय भीम नमो बुद्धाय आप सभी धर्म की राह पर चलने वालों को नमन है, आप सभी गुरुजी को जानते है, गुरुजी ने धर्म सिखाया और इससे ये लाभ हुआ, हम राग और द्वेष के बंधनों से मुक्त हो रहे है, क्या आप जानते है, जब छटा संगाएंन रंगून बर्मा में, १९५४-५५, २५०० साल बाद …

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“बौध्द व्यक्तित्व का विकास।”

एक बार सर्वोत्तम शल्य-चिकित्सक ‘अनाथपिण्डिक’जेतवनाराम पर आए,श्रावस्ती में महान वैज्ञानिक धम्म-राज भगवान बुध्द विहार कर रहें थे। वहाँ आकर श्रेष्ठ शल्य-चिकित्सक ‘जीवक’ नें भगवन्त को अभिवादन किया और एक ओर आसन ग्रहण कर बैठ गए और सिद्धार्थ गौतम बुध्द से प्रश्न पूछाः “आदमी को धनार्जन क्यों करना चाहिए? और यह बताएँ कि गृहस्थ जीवन में …

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बुद्धानुयायी होने की नींव

बुद्धानुयायी वह है जो बुद्ध, धर्म और संघ में शरण ग्रहण करता है। चार तरह के बुद्धानुयायी होते हैं यथा 1. भय (जो खतरे के कारण बुद्धानुयायी बनते हैं। 2. लाभ (जो अपनी तुष्टि के लिए बुद्धानुयायी बनते हैं) 3. कुल (जो जन्मजात बुद्धानुयायी हैं) 4. श्रद्धा (जो श्रद्धा के कारण बुद्धानुयायी हैं) बुद्धानुयायी को …

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आओ, दस पारमिताओं को समझे

“दानं शीलं च नेक्खमं, वीरियं पञ्ञा च पंचमं । खन्ति मेत्ता अधिट्ठानं, सच्च उपेक्खा च दसमं ॥” [ दान, शील, निष्क्रमण, वीर्य, प्रज्ञा क्षांति, मैत्री, अधिष्ठान, सत्य, उपेक्षा ] दस पारमिताएं हैं जिन्हें हर एक को अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरा करना अनिवार्य है। अंतिम लक्ष्य है अहंकार, ममकार से शून्य होना । …

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क्या होता हैं मृत्यु के समय ?

इसे समझने के पहले थोड़े में यह समझ लें कि मृत्यु है क्या? सत्य सतत् प्रवहमान परिवर्तनशील नदी जैसी भावधारा की एक मोड़ है, उसका एक पलटाव है, एक घुमाव है। लगता यों है कि मृत्यु हुई तो भवधारा ही समाप्त हो गयी। परतु बुद्ध या अहंत हो तो बात अलग है अन्यथा सामान्य व्यक्ति …

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रतनसुत्त, अंगुलिमाल परित्त एवं सत्य-क्रिया

रतनसुत्त (RATAN SUTTA) (एक बार जब वैशाली नगरी भयंकर रोगों, अमानवी उपद्रवों और दुर्भिक्ष-पीड़ाओं से संतप्त हो उठी, तो इन तीनों प्रकार के दुःखों का शमन करने के लिए महास्थविर आनंद ने भगवान के अनंत गुणों का स्मरण किया।) शत-सहस-कोटि चक्रवालों के वासी सभी देवगण जिसके प्रताप को स्वीकार करते हैं तथा जिसके प्रभाव से …

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किसी प्रिय की मृत्यु होने पर विपश्यी सदस्य मृतक के लिये क्या करें?

मृतक के लिये साधना ही करे। विपश्यना की हर बैठक के बाद मन ही मन मृतक को याद करे और संकल्प करे की मेरी साधना के पूण्य में आप भी भागीदार हों। मृतक का इस पूण्य-वितरण से बढ़कर और कोई कल्याणकारी श्राद्ध नही हो सकता। विपश्यना की हर बैठक के बाद जब मंगल मैत्री का …

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आना पान साधना से क्या लाभ है?

उत्तर- सबसे बड़ा लाभ तो यह है की जीवन में जब कभी कोई कठिनाई आए, फट सांस पर काम करना शुरू कर दें। इससे तुरंत लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। 1) परीक्षा के समय लोग नर्वस(चिंतित) हो जाते हैं और याद की हुई बातें भूल जाते हैं। प्रश्न पत्र( question paper) खोलने से पूर्व यदि …

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भीमा कोरेगांव विजयी दिवस के वर्षगाठ पर धारा १४४ संचार बंदी का आदेश !

भीमा कोरेगाव विजय दिवस वर्षगाठ के अवसर पर अभिवादन करने के लिए आनेवाले भीम अनुयायी को जमाव बंदी का आव्हान किए है| ३० डिसेम्बर से २ डिसेम्बर तक धारा १४४ लागू रहेगी ऐसा आव्हान पुणे ग्रामीण स्थानिक प्रशासन द्वारा किया गया है । कोरोना का प्रसार रोकने के लिए स्थानिक प्रशासन ने इस बार घर से ही भीमा …

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