साफ-सफाई और स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण व्यवसाय को करने वाले व्यक्तियों के बच्चों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति। दिनांक 01.07.2011 से लागू।
भारत सरकार ‘अस्वच्छ’ व्यवसाय को करने वाले व्यक्तियों के बच्चों को मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति प्रदान करने की स्कीम वर्ष 1977-78 से कार्यान्वित कर रही है। इस स्कीम के तहत भारत सरकार संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को इस स्कीम के कार्यान्वयन के संबंध में उनकी संबंधित प्रतिबद्ध देयता के अतिरिक्त इस स्कीम के कुल व्यय के लिए शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता प्रदान करती है।
1. उद्देश्य
इस स्कीम का उद्देश्य ऐसे बच्चों को अपनी मैट्रिक-पूर्व शिक्षा प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है जिनके माता-पिता/संरक्षक निम्नलिखित श्रेणी से संबद्ध हैं :-
- ऐसे व्यक्ति जो इस समय हाथ से मैला ढोने का कार्य करते हैं अथवा दिनांक 01.01.1997 तक अथवा इसके बाद अथवा अपने संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में ‘सफाई कर्मचारी नियोजन और शुष्क शौचालय सनिर्माण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1993’ के लागू होने की तारीख, इनमें से जो भी पहले हो तक यह कार्य करते थे;
- चर्मकार;
- मृत पशुओं की खाल उतारने वाले; और
- कूड़ा उठाने वाले
2. पात्रता की शर्तें
यह छात्रवृत्ति धर्म पर ध्यान दिए बिना ऐसे भारतीय राष्ट्रिकों के बच्चों को अनुमत्य होगी जो:
- इस समय हाथ से मैला ढोने का कार्य करते हैं अथवा दिनांक 01.01.1997 तक अथवा इसके बाद अथवा अपने संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में ‘सफाई कर्मचारी नियोजन और शुष्क शौचालय सनिर्माण (प्रतिषेध) अधिनियम, 1993’ के लागू होने की तारीख, इनमें से जो भी पहले हो तक यह कार्य करते थे;
- इस समय चर्मकार और/अथवा मृत पशुओं की खाल उतारने/अथवा कूडा उठाने का कार्य करते हैं।
- ऐसे बच्चे जो ऐसे व्यक्तियों के यहां पैदा हुए हैं जो इस प्रकार का व्यवसाय नहीं करते किंतु ऐसे व्यक्ति द्वारा गोद लिए गए हैं (उपर्युक्त उप-पैरा 2(i) में यथा-उल्लिखित) इस प्रकार गोद लिए जाने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि बीत जाने के बाद ही छात्रवृत्ति के लिए पात्र होंगे बशर्ते वे इस प्रकार गोद लिए जाने की तारीख से गोद लेने वाले माता-पिता के साथ रहे हों। इस प्रकार के बच्चे संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा यथा-अपेक्षित प्रमाण-पत्र (उनके व्यवसाय, गोद लेने की तारीख इत्यादि के साक्ष्य के रूप में) अपने माता-पिता की ओर से प्रस्तुत किए जाने के बाद ही पात्र होंगे।
- इस संबंध में पात्र अभ्यर्थियों से निम्न प्रकार का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाना चाहिए :
- उप-पैरा 2(i)(क) में उल्लिखित बच्चों/विद्यार्थियों से : मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति के संबंध में इस संशोधन (वर्ष 2011 का) के लागू होने के बाद उनके प्रथम आवेदन/नवीकरण जैसा भी मामला हो, के समय केवल एक बार इस आशय का प्रमाण-पत्र कि माता अथवा पिता में से कोई एक प्रासंगिक श्रेणी से संबंधित है;
- उप-पैरा 2(i)(ख) में उल्लिखित बच्चों/विद्यार्थियों से : प्रत्येक वर्ष इस आशय का प्रमाण-पत्र कि माता अथवा पिता में से कोई एक चर्मकार और/अथवा मृत पशुओं की खाल उतारने का कार्य करता है।
अध्ययन पाठ्यक्रम और अवधि
दिवस विद्यार्थी के मामले में कक्षा । अथवा किसी अन्य उत्तरवर्ती कक्षा अथवा मैट्रिक-पूर्व स्तर पर नामांकित और छात्रावास में रहकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थी के मामले में कक्षा-।।। अथवा मैट्रिक-पूर्व की किसी अन्य उत्तरवर्ती कक्षा में नामांकित विद्यार्थियों को यह छात्रवृत्ति दी जा सकती है। कक्षा X के बाद यह छात्रवृत्ति समाप्त हो जाएगी। किसी शैक्षिक वर्ष मे इस छात्रवृत्ति की अवधि दस माह है। इस स्कीम के तहत छात्रवृत्ति की दर इस प्रकार है :
दिवस विद्यार्थी :
कक्षा I से कक्षा X तक – 110 रूपए प्रति माह, दस माह तक
छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी :
कक्षा III से कक्षा X तक – 700 रूपए प्रतिमाह, दस माह तक
इसके अतिरिक्त सभी दिवस विद्यार्थियों को 750 रूपए प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष और छात्रावास में रहकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को 1000 रूपए प्रति विद्यार्थी प्रति वर्ष तदर्थ अनुदान अनुमत्य है। इसके साथ-साथ विकलांग समूह के विद्यार्थियों के लिए भत्तों के अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं।
आवेदन करने की पद्धति :
राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र का संबंधित विभाग आवेदन फार्म प्रदान करेगा जो उस विभाग द्वारा अंतिम तारीख तक संबंधित प्रमाण-पत्र के साथ वापस प्राप्त किया जाएगा।