अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए फैलोशिप (एन.एफ.-एस.सी.)

अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए राष्‍ट्रीय फैलोशिप

 

प्रस्तावना:

भारत सरकार ने अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों को एम.फिल और पी.एच.डी. जैसी डिग्रियों से संबंधित उच्‍चतर शिक्षा प्राप्‍त करने के अवसरों में वृद्धि करने के लिए वित्‍त वर्ष 2005-06 के दौरान केन्‍द्रीय क्षेत्र स्‍कीम अर्थात राष्‍ट्रीय फैलोशिप स्‍कीम शुरू की थी। इस स्‍कीम को दिनांक 01.04.2010 से संशोधित किया गया है। इस स्‍कीम के तहत विश्‍वविद्यालयों, अनुसंधान संस्‍थाओं तथा वैज्ञानिक अध्‍ययन संस्‍थाओं में अनुसंधान डिग्री के लिए अध्‍ययन करने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की आवश्‍यकताओं को पूरा किया जाता है। इससे न केवल वे विभिन्‍न कॉलेजों तथा विश्‍वविद्यालयों में खाली पड़े लेक्‍चरर के पदों पर रोजगार प्राप्‍त करने में सक्षम होंगे अपितु वे नई अर्थव्‍यवस्‍था के संदर्भ में राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर बढ़ते अवसरों का कारगर ढंग से लाभ उठाने में भी समर्थ होंगे।

 

स्‍कीम का क्षेत्र

इस स्‍कीम के तहत अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को प्रति वर्ष कुल 2000 फैलोशिप (कनिष्‍ठ अनुसंधान फेलोशिप) प्रदान की जाती है। इस स्‍कीम में विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त सभी विश्‍वविद्यालयों/संस्‍थाओं को शामिल किया गया है और यह स्‍वयं विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा एम.फिल और पी.एच.डी. कर रहे अनुसंधान विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही यू.जी.सी. फैलोशिप स्‍कीम के पैटर्न पर कार्यान्वित की जाती है।

 

कार्यान्‍वयन अभिकरण

विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग इस स्‍कीम को कार्यान्वित करने वाला नोडल अभिकरण है। विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग प्रेस में उपयुक्‍त विज्ञापन जारी करके इस स्‍कीम को अधिसूचित करता है।

 

पात्रता:

  • अनुसूचित जाति का कोई भी छात्र, जिसने विश्वविद्यालय अथवा शैक्षिक संस्था में प्रवेश की अपेक्षित औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उस विश्वविद्यालय या शैक्षिक संस्थान में एम.फिल/पीएच.डी. डिग्री में प्रवेश पा लिया है, यूजीसी के विज्ञापन के अनुसार योजना के प्रावधान की शर्त पर फैलोशिप पाने के लिए पात्र है ।
  • सीनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए योग्य होने हेतु यूजीसी के मानदंड लागू होंगे।

 

V. फैलोशिप की अवधि

 

पाठ्यक्रम का नाम अधिकतम अवधि अनुमत्‍य जे.आर.आफ. और एस.आर.एफ.
जे.आर.एफ. एस.आर.एफ.
एम.फिल 2 वर्ष 2 वर्ष कोई नहीं
पी.एच.डी. 5 वर्ष 2 वर्ष शेष तीन वर्ष
एम.फिल + पी.एच.डी. 5 वर्ष 2 वर्ष शेष तीन वर्ष

 

फैलोशिप की दर

जेआरएफ तथा एसआरएफ के लिए अध्येतावृत्ति की दरें यूजीसी अध्येतावृत्ति के समान ही होंगी। 01.12.2012 से ये दरें निम्नानुसार हैं :-

विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में फेलोशिप @ 25,000/-रूपए प्रतिमाह आरम्भिक दो वर्षों के लिए (जेआरएफ) @ 28,000/-रूपए प्रतिमाह शेष कार्यकाल के लिए (एसआरएफ)
इंजीनियरी और प्रौद्योगिकी में फेलोशिप @ 25,000/-रूपए प्रतिमाह आरम्भिक दो वर्षों के लिए (जेआरएफ)

@ 28,000/-रूपए प्रतिमाह शेष कार्यकाल  के लिए (एसआरएफ)

मानविकी तथा सामाजिक विज्ञानों के लिए आकस्मिक व्यय @ 10,000/-रूपए प्रतिवर्ष आरम्भिक दो वर्षों के लिए

@ 20,500/-रूपए प्रतिवर्ष शेष  कार्यकाल के लिए

विज्ञान, इंजीनियरी और प्रौद्योगिकी के लिए आकस्मिक व्यय @ 12,000/-रूपए प्रतिवर्ष आरम्भिक दो वर्षों के लिए

@ 25,000/-रूपए प्रतिवर्ष शेष कार्यकाल  के लिए

विभागीय सहायता

(सभी विषय)

@ 3,000/-रूपए प्रतिवर्ष प्रति छात्र मेजवान संस्था को ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने के लिए
मार्गरक्षी/वाचक भत्ता

(सभी विषय)

@ 2,000/-रूपए प्रतिमाह शारीरिक और दृष्टिबाधित विकलांग उम्मीदवारों के मामले में ।

 

मकान किराया भत्ता (एचआरए) यूजीसी पैटर्न पर होगा और उन विद्यार्थियों को देय होगा जिनको छात्रावास में जगह प्रदान नहीं की गई है।  विश्वविद्यालय/संस्थान द्वारा प्रस्तावित किए गए छात्रावास में स्थान को लेने से मना किए जाने के मामले में, विद्यार्थी को अपने एचआरए के दावे से वंचित होना पड़ेगा। उनके अध्येतावृत्ति कार्यक्रम के मामले में, चिकित्सा सुविधा, प्रसूति छुट्टी सहित अवकाश जैसी अन्य सुविधाओं को यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रशासित किया जाएगा ।