‘‘उद्यमिता’’ उद्यमियों के प्रबंधन कारोबार से संबंधित होती हैं जो नवाचार और विकास प्रौद्योगिकियों की ओर अग्रसर होते हैं। उपर्युक्त उल्लिखित निधि के संबंध में यह भावना निहित है कि ऐसे उद्यमियों को सहायता प्रदान की जाए जो समाज के लिए धन-सम्पदा और मूल्य स़जित करेंगे, रोजगार उत्पन्न करेंगे तथा कालांतर में आत्मविश्वास पैदा करेंगे और इसके साथ-साथ लाभदायक कारोबार को प्रोत्साहित करेंगे।
इस स्कीम के उद्देश्य इस प्रकार हैं :
- यह राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वित की जाने वाली सामाजिक क्षेत्र की पहल है ताकि भारत की अनुसूचित जातीय जनसंख्या के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जा सके।
- ऐसी अनुसूचित जातियों जो नवाचार और विकास प्रौद्योगिकियों की ओर अग्रसर हैं, के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
- ऐसे बैंक और वित्तीय संस्थाओं जो अनुसूचित जाति के उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगी, को ऋण वृद्धि गारंटी प्रदान करके सहायता प्रदान करना जो समाज के लिए धन-सम्पदा और मूल्य स़जित करेंगे, रोजगार उत्पन्न करेंगे तथा कालांतर में आत्मविश्वास पैदा करेंगे और इसके साथ-साथ लाभदायक कारोबार को प्रोत्साहित करेंगे। इस प्रकार सृजित की गई परिसम्पत्तियों से अग्रगामी/पश्चगामी लाभ भी प्राप्त किए जाएंगे। इसके साथ-साथ इससे विनिर्दिष्ट रूप से स्थानीय व्यक्तियों और सामान्यत: समाज के लिए लाभ प्राप्त होगा।
- अनुसूचित जाति के उद्यमियों के लिए वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करना और अनुसूचित जातियों के समुदायों को और विकास करने के लिए प्रेरित करना।
- अनुसूचित जातियों के उद्यमियों के आर्थिक विकास को सुकर बनाना।
- भारत की अनुसूचित जातीय जनसंख्या के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन को बढ़ाना।