(1) अंधकार से अंधकार की ओर जानेवाले ……….
ऐसा व्यक्ति जिसके जीवन में अंधकार हैं , अविद्या हैं, बुरे कर्म करता हैं। अकुशल कर्म करता हैं, बेहोशी में जीवन नष्ट करता हैं ।
ऐसा व्यक्ति आज तो दुखी हैं ही, लेकिन आगे के लिये भी दुःख के बीज बोता हैं।
(2) अंधकार से प्रकाश की ओर जानेवाले …………..
ऐसे व्यक्ति के जीवन में अंधकार तो हैं , लेकिन भीतर प्रज्ञा जाग रही है। वह ये सोचता है कि यह जो कुछ भी मेरे साथ हो रहा है वह किसी पूर्व बुरे कर्म के कारण हो रहा है, वह जागृत होता हैं और वर्तमान को धम्म में प्रतिष्ठित करता हैं तो आगे के लिए उसके जीवन मे प्रकाश ही प्रकाश हैं।
(3) प्रकाश से अंधकार की ओर जानेवाले ………….
ऐसा व्यक्ति जो प्रकाश में है, यानि धम्म जानता हैं, जानते हुए भी साथ में अहंकार हैं और दुसरे से घृणा करता हैं ।आज तो वह अच्छे कर्म के कारण सुख भोग रहा हैं, लेकिन वह बुरे कर्म के कारण वह भविष्य के दुःख के बीज बो रहा है।
(4) प्रकाश से प्रकाश की ओर जानेवाले …………….
ऐसा व्यक्ति प्रकाश में है, साथ साथ प्रज्ञा भी है वह यह सोचता है कि यह जो कुछ प्राप्त हुआ किसी पूर्व पुण्यकर्म के कारण हुआ। यह सदा रहने वाला नही हैं ।ऐसा सोचकर वह लोगो की सेवा करता हैं, सामर्थ्य के अनुसार मदद करता हैं । ओरों के प्रति मंगल मैत्री रखता हैं । शील, समाधि, प्रज्ञा के मंगलमय पथ पर अग्रसर होता हैं । अपना कल्याण साधता हैं और औरों के कल्याण में सहायक होता हैं ।तो उसका आगे आने वाला जीवन प्रकाश ही प्रकाश होगा।
हम सभी प्रकाश की ओर जानेवाले हो ….यही मंगलकामना है