क्या होता हैं मृत्यु के समय ?
इसे समझने के पहले थोड़े में यह समझ लें कि मृत्यु है क्या? सत्य सतत् प्रवहमान परिवर्तनशील नदी जैसी भावधारा की एक मोड़ है, उसका एक पलटाव है, एक घुमाव है। लगता यों है कि मृत्यु हुई तो भवधारा ही समाप्त हो गयी। परतु बुद्ध या अहंत हो तो बात अलग है अन्यथा सामान्य व्यक्ति …